दिवाली आ गई है! घर-घर दीये जल रहे हैं, पटाखों की गूंज से वातावरण खुशी से भर गया है। यह त्योहार न सिर्फ अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है, बल्कि देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का भी सुनहरा अवसर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ छोटी-छोटी भूलें लक्ष्मी माता को नाराज कर सकती हैं? प्राचीन शास्त्रों में वर्णित है कि दीपावली के दिन कुछ कार्यों से बचना चाहिए, ताकि धन-धान्य की देवी प्रसन्न रहें और आपके जीवन में समृद्धि का द्वार खुल जाए।
इस लेख में हम बात करेंगे उन 10 ऐसी गलतियों की जो इस दिवाली पर कभी न करें। जैसे, पूजा के बाद झाड़ू लगाना, नाखून काटना या उधार देना-लेना। ये परंपराएँ सिर्फ अंधविश्वास नहीं, बल्कि वैज्ञानिक और आध्यात्मिक आधार पर टिकी हैं। लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए साफ-सफाई, दान-पुण्य और सकारात्मक ऊर्जा जरूरी है। तो इस बार दीवाली को यादगार बनाने के लिए इन टिप्स को अपनाएँ। खुशियाँ बाँटें, लेकिन सावधानी बरतें। आइए, मिलकर बनाएँ यह उत्सव धन-वर्षा का!
दिवाली, जिसे दीपावली या दीपोत्सव भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का सबसे चमकदार और आनंदमय त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जब सूर्य की किरणें कमजोर पड़ने लगती हैं और अंधकार का बोलबाला होता है। लेकिन इस दिन घर-घर दीये जलाकर हम अंधकार को दूर भगाते हैं और प्रकाश का स्वागत करते हैं। इस उत्सव का केंद्र बिंदु है माता लक्ष्मी – धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी। शास्त्रों के अनुसार, लक्ष्मी जी रात्रि में विचरण करती हैं और उन घरों में प्रवेश करती हैं जहाँ स्वच्छता, शांति और सकारात्मकता हो।
लेकिन सावधान! अगर हम कुछ गलतियाँ कर बैठें, तो माता नाराज हो सकती हैं। पुराणों में वर्णित है कि लक्ष्मी जी को गंदगी, कलह और आलस्य पसंद नहीं। इस दिवाली, 20 अक्टूबर 2025 को पड़ रही इस अमावस्या पर, आइए जानें उन 10 कार्यों के बारे में जो भूलकर भी न करें। ये सलाहें वेदों, पुराणों और ज्योतिषीय ग्रंथों से प्रेरित हैं, लेकिन इन्हें आधुनिक जीवनशैली के साथ जोड़कर समझें। इससे न सिर्फ आपका उत्सव शुभ होगा, बल्कि वर्ष भर समृद्धि बनी रहेगी।
1. पूजा के बाद घर की सफाई न करें
दिवाली की शाम लक्ष्मी पूजा के बाद घर में झाड़ू लगाना या कूड़ा साफ करना सबसे बड़ी भूल है। क्यों? क्योंकि शास्त्र कहते हैं कि पूजा के समय लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती हैं। अगर आप सफाई करेंगे, तो माता को लगेगा कि आप उन्हें बाहर निकालना चाहते हैं। वैदिक काल से चली आ रही यह परंपरा बताती है कि पूजा के बाद घर पहले से ही साफ रखें।
2. नाखून काटना या बाल काटना टालें
दिवाली के दिन नाखून या बाल काटना अशुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या का दिन चंद्रमा के अभाव से कमजोर होता है, और कटाई से नकारात्मक शक्तियाँ आकर्षित होती हैं। लक्ष्मी जी को शुद्धता पसंद है, और यह कार्य अशुद्धि का प्रतीक है।
3. उधार देना या लेना न करें
"उधार का धन कभी सुख नहीं देता" – यह कहावत दिवाली पर खासतौर पर सही है। लक्ष्मी पूजा के दिन पैसे उधार देना या लेना माता को नाराज करता है, क्योंकि इससे धन का संतुलन बिगड़ता है। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अमावस्या पर वित्तीय लेन-देन से दरिद्रता आती है।
4. झगड़े या नकारात्मक बातें न करें
दिवाली का दिन शांति का है, लेकिन अगर घर में कलह हो, तो लक्ष्मी जी द्वार पर ही रुक जाती हैं। विष्णु पुराण कहता है कि माता सुख-शांति वाले घर पसंद करती हैं। तो रिश्तेदारों से छोटी-मोटी नोंकझोंक भी टालें।
5. बाहर खाना या जुआ न खेलें
दिवाली रात को घर से बाहर भोजन करना या जुआ खेलना वर्जित है। लक्ष्मी जी घर में रहने वाली देवी हैं, बाहर जाना उन्हें भूलना है। जुआ तो व्यसन का प्रतीक है, जो धन नष्ट करता है।
6. काले रंग के कपड़े न पहनें
काला रंग तमोगुण का प्रतीक है, जो लक्ष्मी जी के सात्विक स्वरूप से मेल नहीं खाता। पीले, सफेद या लाल रंग चुनें। यह छोटी सी बात है, लेकिन प्रभावी।
7. जानवरों को नुकसान न पहुँचाएँ
दिवाली पर पटाखों से सावधान रहें। कुत्ते, बिल्ली या पक्षियों को डराएँ नहीं। लक्ष्मी जी सभी प्राणियों की रक्षा करती हैं। शास्त्र कहते हैं, जीव हत्या से देवी नाराज।
8. बिना स्नान के पूजा न करें
अशुद्ध अवस्था में पूजा लक्ष्मी को अपमानित करती है। सुबह उठकर स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
9. दक्षिण दिशा की ओर न सोम्यु
पूजा के बाद दक्षिण की ओर सिर न रखें। यह यम की दिशा है, जो अमावस्या पर सक्रिय होती है। पूर्व या उत्तर की ओर सोएँ।
10. पूजा सामग्री में कमी न रखें
अपूर्ण पूजा से लक्ष्मी अधर में लटक जाती हैं। कमल, चावल, दूध सब तैयार रखें। एक पूर्ण पूजा से वर्ष भर फल मिलता है।
इन 10 गलतियों से बचकर इस दिवाली को यादगार बनाएँ। लक्ष्मी जी की कृपा से आपका जीवन उज्ज्वल हो। परिवार के साथ मनाएँ, दान करें, और सकारात्मक रहें। शुभ दीपावली!
Disclaimer: यह लेख सूचनात्मक उद्देश्य से है। धार्मिक सलाह के लिए स्थानीय पंडित से परामर्श लें। lordkart या लेखक किसी भी परिणाम के लिए जिम्मेदार नहीं। अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक जागरूकता का प्रयास।
- दिवाली पर सफाई कब करें? पूजा से पहले पूरी सफाई कर लें। पूजा के बाद न करें।
- लक्ष्मी पूजा का सही समय क्या है? प्रिय नक्षत्र में, शाम 6 से 9 बजे के बीच। पंचांग देखें।
- क्या दिवाली पर मांसाहार कर सकते हैं? शाकाहारी रहें, लक्ष्मी जी शुद्धता पसंद करती हैं।
- पटाखे फोड़ना जरूरी है? नहीं, एको-फ्रेंडली विकल्प चुनें।
- उधार क्यों नहीं देना चाहिए? इससे धन संतुलन बिगड़ता है, पुराणों में वर्जित।
- किन रंगों के कपड़े पहनें? पीला, सफेद, लाल। काला टालें।
- पूजा में क्या सामग्री लगेगी? कमल, चावल, दूध, फूल, दीये।
- दिवाली पर सोना खरीदना शुभ है? हाँ, लेकिन पूजा के बाद।
- झगड़े से क्या हानि? लक्ष्मी घर छोड़ देती हैं।
- नाखून काटने का वैज्ञानिक कारण? रात में संक्रमण का खतरा।
- दान क्या दें? अनाज, मिठाई, कपड़े गरीबों को।
- वास्तु के अनुसार दीये कहाँ जलाएँ? मुख्य द्वार पर।
- बच्चों को पटाखों से कैसे बचाएँ? पर्यावरण-अनुकूल पटाखे चुनें।
- अगले दिन सफाई कब? भाई दूज से पहले।
- लक्ष्मी मंत्र क्या जपें? "ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मीये नमः"।
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