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Makar Sankranti 2026: 2026 में मकर संक्रांति कब है? तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
🪁 मकर संक्रांति 2026 🪁
प्रकाश की विजय का पर्व
जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तब धरती पर उमंग का पर्व उतर आता है – मकर संक्रांति! यह वह पावन दिन है जब अंधकार की विदाई और प्रकाश की विजय होती है। खिचड़ी का भोग, तिल-गुड़ की मिठास, पतंगों की उड़ान, गंगा स्नान और दान-पुण्य का दौर… सब मिलकर एक संदेश देते हैं – पुरानी बातों को भूलकर नई शुरुआत करें। यह सिर्फ मौसम बदलने का त्योहार नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भरने का अवसर है।
📅 मकर संक्रांति 2026 की तिथि
भारत का सबसे महत्वपूर्ण सौर पर्व
🕉️ सटीक तिथि और मुहूर्त (2026)
संक्रांति प्रारंभ
14 जनवरी 2026
सुबह 08:47 बजे से
पुण्य काल
सुबह 08:47 बजे से
शाम 06:12 बजे तक
महा पुण्य काल
सुबह 08:47 बजे से
सुबह 10:30 बजे तक
(लगभग 1 घंटा 43 मिनट)
🌟 वैज्ञानिक महत्व
यह दिन उत्तरायण की शुरुआत का प्रतीक है। 14 जनवरी के बाद सूर्य उत्तर की ओर बढ़ना शुरू करता है, दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी। इसी कारण इसे प्रकृति के नवीनीकरण का पर्व कहा जाता है।
🙏 आध्यात्मिक महत्व
ज्योतिष शास्त्र में इसे बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं। पिता-पुत्र के मिलन का यह दुर्लभ योग सारे पापों का नाश करता है।
✨ 2026 की खास बात
इस साल मकर संक्रांति बुधवार को पड़ रही है, जिसे "बुधादित्य योग" का प्रभाव माना जा रहा है। बुधवार सूर्य के लिए मित्र ग्रह है, इसलिए व्यापार, पढ़ाई-लिखाई और नई शुरुआत के लिए यह दिन बहुत शुभ रहेगा।
🗺️ अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम
✅ क्या करें
- सुबह स्नान (गंगा या घर में जल में तिल डालकर)
- सूर्य को अर्घ्य दें (तांबे के लोटे से)
- तिल-गुड़ के लड्डू, खिचड़ी का भोग
- काले तिल, गुड़, कंबल, तिल के तेल का दान
- पतंग उड़ाएँ (पूरा आसमान रंगीन!)
❌ क्या न करें
- उड़द दाल की खिचड़ी या काली चीजों का सेवन (कुछ मान्यताओं में)
- बाल या कपड़े नहीं काटने चाहिए
- क्रोध और झूठ बोलने से बचें
- नकारात्मक विचार न रखें
🍯 घर पर बनाएं तिल-गुड़ के लड्डू
सामग्री:
250 ग्राम सफेद तिल, 200 ग्राम गुड़, 2 चम्मच घी, थोड़ा इलायची पाउडर
विधि:
- तिल को धीमी आंच पर भून लें, ठंडा करके हल्का कूट लें
- गुड़ को घी में पिघलाएँ, एक तार की चाशनी बनाएँ
- भुने तिल डालकर अच्छे से मिलाएँ
- गर्म-गर्म ही हाथों पर घी लगाकर लड्डू बना लें
नोट: इन लड्डुओं को पहले सूर्य देव को भोग लगाएँ, फिर प्रसाद की तरह बाँटें।
🎁 दान का महत्व
इस दिन किया गया दान 100 गुना फल देता है। खासकर तिल, गुड़, काले कपड़े, कंबल, तांबे का बर्तन और तिल का तेल दान करना उत्तम माना जाता है। गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन करवाना बहुत पुण्य देता है।
❓ पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
🙏 आखिरी बात
मकर संक्रांति हमें सिखाती है कि जैसे सूर्य अंधकार को चीरकर प्रकाश लाता है, वैसे ही हमें अपने अंदर की नकारात्मकता को त्यागकर सकारात्मकता अपनानी चाहिए।
ॐ सूर्याय नमः
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ! आकाश में पतंगें उड़ें, दिल में खुशियाँ बढ़ें। 🪁✨
यह लेख केवल सूचनात्मक और सांस्कृतिक उद्देश्य से लिखा गया है। तिथि और मुहूर्त स्थानीय पंचांग के अनुसार थोड़े बहुत बदल सकते हैं। पूजा-विधि और दान के लिए अपने कुल पंडित या परिवार की परंपरा का पालन करें।
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